सर्दी और खांसी से बचने के लिए इन तीन तेलों का करें प्रयोग

सर्दी और खांसी से बचने के लिए इन तीन तेलों का करें प्रयोग

अम्बुज यादव

सर्दियों में अक्सर कई तरह की बीमारियां मनुष्य को होती हैं, जिसे लेकर लोग काफी परेशान भी रहते हैं। उन सभी बीमारियों में कई बीमारी सामान्य होती है, तो कई बहुत बड़ी बीमारी होती है। ऐसें में सर्दियां आने पर डॉक्टर बोलने लगते हैं कि ठंड से सभी अपने आपको सुरक्षित रखें और खुश रहें। इसीलिए सभी ठंड महीने में अपना बचाव भी करते हैं, लेकिन उसके बावजूद कई बीमारियां उन्हें हो ही जाती हैं। उनमें से सबसे ज्यादा सर्दी खांसी वाली बीमारी काफी सुनने को मिलती है। दरअसल ठंड हवाओं की वजह से मनुष्य को सर्दी जुखाम पकड़ लेता है, जो काफी परेशान भी करता है। लेकिन अब परेशान होने की जरुरत नहीं है, क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ठंड के मौसम में सर्दी और जुखाम से कैसे बचेंइस बीमारी से बचने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं इसके लिए आपको घर बैठें कुछ तेल का इस्तेमाल करना होगा।

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वैसे तो कई प्रकार के तेल शरीर का रुखापन खत्म करने और खाने-पीने को स्वादिष्ट बनाने में उपयोग होते हैं, लेकिन आज हम आपको उन तेल के बारे में बताएंगें जो आपको सर्दी और जुखाम से बचाएगी।यही नहीं आपको उसके प्रयोग की विधि भी बताएंगें, जिससे आपको सर्दी और खांसी से जल्द से जल्द छुटकारा मिल सकें।

नीलगिरी का तेल

नीलगिरी का तेल एक प्रकार से सर्दी और जुखाम से प्रभावित लोगों के लिए दवाई का काम करती है। इसका उपयोग करने से कफ और सांस से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं, जैसे कि ब्रोंकाइटिस, इंफेक्शन और साइनसाइटिस के इलाज के लिए ये तेल काफी उपयोगी होती है। इस तेल का अध्ययन करने पर पता चला कि ये मनुष्यों की इमिन्यूटी को मजबूत करने में काफी कारगार साबित होता है, जिससे मनुष्यों को बाहरी बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता मिलती है। इसका प्रयोग भाप के रुप में दुनिया भर में किया जाता है। यही नहीं इसके उपयोग से लोगों को रात में बेहतर नींद आती है। 

रोजमेरी ऑयल

रोजमेरी ऑयल का उपयोग अधिकतर हम खाना बनाने के लिए उपयोग करते है, लेकिन यह सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने में ही उपयोगी नहीं होता हैं। बल्कि इसका उपयोग दवाई के रुप में भी किया जा सकता है। आपको बता दे कि रोजमेरी का तेल दिमाग को शांत रखने और अच्छा फिल कराने में काफी मददगार होता है। यही नहीं इसके उपयोग से आपको सांस लेने में भी काफी मदद मिलती है, क्योंकि यह तेल मनुष्य के श्वासनली की मांसपेशियों को शांत करता है, जिससे सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती है। रोजमेरी का तेल का उपयोग अस्थमा के इलाज और सूजन को कम करने के लिए भी किया जाता है। यह तेल छाती की कंजेशन को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।

थाइम तेल

सर्दियों में अगर खांसी से परेशान है तो थाइम के पत्ते का प्रयोग करेंगे तो वह खांसी से लड़ने में आपकी सहायता करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरा हुआ है। अध्ययनों से पता चलता है कि थाइम तेल एक उत्कृष्ट एंटी-माइक्रोबियल एजेंट है, जो विभिन्न श्वसन स्थितियों से राहत पाने में मदद कर सकता है।

ऐसे करें इस्तेमाल-

तेल आम तौर पर सुरक्षित होते हैं और आप  इसे अपनी त्वचा पर रगड़ सकते हैं या सर्दी और खांसी से पीड़ित होने पर इसे पैरों और हाथों में भी लगा सकते हैं। इसके अलावा, यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।

  • त्वचा पर बादाम, अंगूर, एवोकैडो या नारियल तेल जैसे कुछ तेल में मिला कर भी इन्हें लगा सकते हैं।
  • अगर आप इसे अपने नहाने के पानी में शामिल कर रहे हैं, तो ये तेल प्रभावी रूप से काम करेगा।
  • सोने से पहले पैरों के तलवों में इसे लगा लें।

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